Wednesday, November 14, 2012

कभी टुटा नही दिल से , तेरी यादों का सिलसिला

कभी टुटा नही मेरे दिल से , तेरी यादों का सिलसिला !

तकदीर ने रह रह कर था , पल पल मुझे छला

कभी टुटा नही मेरे दिल से , तेरी यादों का सिलसिला !

तकदीर ने रह रह कर था , पल पल मुझे छला !!

महफिलो ने भी उदासी के गीत गाये है तुझ बिन !

...
जबसे बिछड़ा है तू, चमन में कोई फूल नही खिला !!

तेरी बिछडन का मुझको,थोडा शिकवा है, थोडा गिला !

मेरी आँखों ने तुझको, खोजा बहुत, मगर तू नही मिला !!

एक अरसा बीत गया, तेरा दीदार किये ए ''हमसफ़र'' !

आ मिटा दे अब, तेरे मेरे दरमियाँ है, जो फांसला !!

कभी टुटा नही मेरे दिल से , तेरी यादों का सिलसिला !

तकदीर ने रह रह कर था , पल पल मुझे छला

Wednesday, September 14, 2011

एक बात सुनोगे गर....


एक बात सुनोगे गर 
सुन सको तो कह लूँ 
ज़ख्म जो तुने दिए 
बता उनको कैसे सह लूँ 

आँखों में देख जरा तू 
अश्क अश्क ही है इनमे 
है जिंदगी मेरी तुझसे 
तेरे बिन कैसे रह लूँ 

ये अश्क जो अब हो चले है 
समुन्दर से भी गहरे 
सोचता हों अब मैं भी 
साथ इनके ही बह लूँ  

अब तन्हाई भी साथ नहीं देती 
काश .. तुम एक बार हंस देती 
कहना चाहता हूँ आज भी .. वो ही 
रुकोगे एक पल जरा 
सूनने को दास्ताँ ..इस दीवाने की 
गर सुन सको तो कह लूँ  

Tuesday, September 13, 2011

पढना कभी मेरी उदासी को

पढना चाहते हो मुझे गर 
तो पढना कभी मेरी उदासी को 
समझना चाहते हो मुझे गर 
तो समझना मेरे जज्बातों को 
मिलना चाहते हो मुझसे गर 
तो मिलना मेरी तन्हाइयो से 
बाटना चाहते हो गर दर्द मेरा 
तो बाटना मेरी रुसवाइयो को 
तुम मुझे समझ जाओगे उसी दिन 
दिन भी नहीं कटेगा तुम्हारा मेरे बिन 
ये सच है हूँ मैं कुछ भी नहीं 
लेकिन तुम्हे पाकर खुश हूँ मैं 
क्योंकि तुम फिर मिलोगे एक दिन यही 
रहेगा मुझे उस दिन का इंतजार 
होगा जिस दिन मेरे प्यार का इज़हार 
जो भाग रहा है पैसे की अंधी दोड़ में 
वो भी बस यही कहेगा ,प्यार ,....प्यार..प्यार .....

Friday, September 9, 2011

मेरी ख्वाबो की दुनिया .......... अब सवरने लगी है |

मेरी ख्वाबो की दुनिया 
अब सवरने लगी है |
थी जिसको नफरत मुझसे 
वो भी मुझपर मरने लगी है 

मेरी ख्वाबो की दुनिया 
अब सवरने लगी है |

कसूर मेरा ही था की 
वो मुझसे रूठे रहे उम्र भर 
उनके रूठने से मिले जो ज़ख्म 
उनको वो ही अब भरने लगी है 

मेरी ख्वाबो की दुनिया 
अब सवरने लगी है |

यूँ तो की कोशिश बहुत की 
हमने उन्हें मानाने की .....
जिनको नफरत थी चेहरे से हमारे 
देखकर वो भी हमको हंसने लगी है 

मेरी ख्वाबो की दुनिया 
अब सवरने लगी है |

उस भगवन के उपकार से 
हूँ मैं आज उस मुकाम पर 
की लोग सलाह लेते है मुझसे 
दुनिया जिनकी बिखरने लगी है 

मेरी ख्वाबो की दुनिया 
अब सवरने लगी है |

Monday, September 5, 2011

इस डूबी हुई कश्ती को सहारा नहीं मिला

इस डूबी हुई कश्ती को सहारा नहीं मिला 
अपने तो बहुत मिले ,कोई हमारा नहीं मिला 

याद आता है वो पल आज भी 
डूबी थी कश्ती मेरी जिस दिन 
थामा तो हाथ बहुतो ने था मेरा 
मगर फिर भी किनारा नहीं मिला 

इस डूबी हुई कश्ती को सहारा नहीं मिला 
अपने तो बहुत मिले ,कोई हमारा नहीं मिला 

माना उस तूफ़ान में लाखों बेघर हुए थे 
फिर कुछ आये भी थे सांत्वना देने के लिए 
जिंदगी तो मिल मुझे भी मिल जाती ........
मगर क्या करू साथ जब तुम्हारा नहीं मिला 

इस डूबी हुई कश्ती को सहारा नहीं मिला 
अपने तो बहुत मिले ,कोई हमारा नहीं मिला 

तुम्हारी इस बेरुखी को मैं क्या नाम देता 
अपने साये को क्यों मैं बदनाम कर देता 
मुझे अफ़सोस है आज भी इस बात का 
वो ख़त आपको हमारा नहीं मिला 

इस डूबी हुई कश्ती को सहारा नहीं मिला 
अपने तो बहुत मिले ,कोई हमारा नहीं मिला